सोचती हूँ कभी कभी ख़ामोशियों को जुबान दूँ! अल्फाजों का हार पहना उसे दिल में उतार दूँ! उसे भी बोलने का हक है मिला जिन्दगी में! आज उसे भी उसके हक से रूबरू करा दूँ!!
#उर्मिल
Nice ....
शुभकामनाएँ....पहली बार आप ब्लॉग पर दिखाई दीगूगल फॉलेव्दर का गेजेट लगाइएआभार
Nice ....
ReplyDeleteशुभकामनाएँ....
ReplyDeleteपहली बार आप ब्लॉग पर दिखाई दी
गूगल फॉलेव्दर का गेजेट लगाइए
आभार