पावन माँ भारती तेरी धरती.....
शस्य श्यामला है सुन्दर धरती..
हर ऋतु का परिधान पहनती...
प्रकृति नटी नर्तन करती जहाँ...
ऐसी पावन है भारत की धरती !!
हर उत्सव के गीत मनोहर...
पल्लव पुष्पों से सुशोभित...
प्राची और प्रतीची पर बनते..
बहु वर्णों से चित्र मनोहर !!
सैलानिओं के मन को भाती...
ये भारत की पावन धरती...!!
कहाँ सुलभ होता पर्वों का अभिनन्दन..!
कहाँ सुलभ होता ऋतुओं का ऐसा संगम..!
झरनों का कल-कल ,उदधि का गर्जन...
थके नयन, विरही मन होते विश्रामित ..!!
बारम्बार वन्दित है भारत की धरती...!
राम ,कृष्ण ,परमहंस की पावन धरती..!!
🌷 उर्मिला सिंह
बेहतरीन वंदन माँ भारती का सुंदर रचना 👌
ReplyDeleteलाजवाब लेखन 👌👌👌🙏🙏🙏
ReplyDeleteबेहतरीन दी बहुत सुंदर मां भारती का वंदन ।
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