सागर लहरें

Saturday, 8 November 2025

प्रातः नमन

›
कौन कहता है कि भगवान नहीं होता?         जब कोई नज़र नहीं आता          तो भगवान नजर आता है  खुदबख़ुद नजरें आसमां पर उठ जाती हैं  एक विश्वास एक...

प्रातः नमन

›
कौन कहता है कि भगवान नहीं होता?         जब कोई नज़र नहीं आता          तो भगवान नजर आता है  खुदबख़ुद नजरें आसमां पर उठ जाती हैं  एक विश्वास एक...
Monday, 12 May 2025

अत्यधिक कठोर हो जाता है वो हृदयजब हृदय की कोमलता को छला गया हो।।

›
Tuesday, 29 April 2025

कर्म ही तेरी पहचान है..

›
कर्म ही तेरी पहचान है ****************** कंटक मय पथ तेरा , सम्भल- सम्भल कर चलना है ! चलन यही दुनिया का, पत्थर में तुमको  ढलना है!! उर की जलत...
6 comments:
Sunday, 9 March 2025

नींद में भटकता मन....

›
नींद.... में भटकता मन.....  *****0*****0***** नींद में भटकता मन  चल पड़ा रात में,  ढ़ूढ़ने सड़क पर.....  खोए हुए .....  अपने अधूरे सपन...  प...
6 comments:

›
नींद.... में भटकता मन.....  *****0*****0***** नींद में भटकता मन  चल पड़ा रात में,  ढ़ूढ़ने सड़क पर.....  खोए हुए .....  अपने अधूरे सपन...  प...
Tuesday, 25 February 2025

बिखरी जिंदगी..

›
   बिखरी जिंदगी......  ************ दिल टूटता गया   हम बिखरते गए सम्हलने की कोशिश में हर बार  शिकस्त खाते गए  लहूलुहान कदम चलते रहे दर्द चुभ...
›
Home
View web version

About Me

उर्मिला सिंह
View my complete profile
Powered by Blogger.