गरीबी की मौन व्यथा बच्चों के आँखो से झलकती है........
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नवरात्रि आते ही आँखें चमकने लगी,
हमारी भी पूजा होगी आश बंधने लगी!
दो दिन सुखी अंतड़ियों को राहत मिलेगी
हम गरीबों को भी हलवा -पूरी मिलेगी!!
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🌷ऊर्मिला सिंह
मर्मस्पर्शी रचना ।
ReplyDeleteधन्यवाद मीना जी
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