अश्क आँखों के..... **************** अश्क जो ह्रदय तल में छुपे रह जातें, मौनआँखों से मन की पीड़ा कह जाते, ह्रदय की पीर से पलकों की कोर नम होती, मधुमास भी पतझड़ सरीखे लग जाते !! 🌷उर्मिला सिंह
बहुत ख़ूब मुक्तक ...अश्क़ पीड़ा कम कर देते हैं ...
बहुत सुंदर
धन्यवाद अनुराधा जी
धन्यवाद दिगम्बर नासवा जी
बहुत ख़ूब मुक्तक ...
ReplyDeleteअश्क़ पीड़ा कम कर देते हैं ...
बहुत सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद अनुराधा जी
ReplyDeleteधन्यवाद दिगम्बर नासवा जी
ReplyDelete