जब जब बन्द किया नैनों को प्रिय तुमको ही मुस्काते पाया तस्वीर तेरी जब जब देखा मन ने तुझको तुझसे ही चुराया प्रेम भरी पाती लिख -लिख स्वयम को स्वयम ही समझाती, बीते पलों की यादों कोखामोशी की चादर में दिल ने छुपाया!
🌷उर्मिला सिंह
वाह !बेहतरीन सृजन दी जी सादर
धन्यवाद प्रिय अनिता।
वाह बहुत सुन्दर
हार्दिक धन्यवाद ऋतु जी
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति दी
सुन्दर प्रस्तुति
हार्दिक धन्यवाद ओंकार जी
स्नेहिल धन्यवाद अनुराधा प्रिय।
वाह !बेहतरीन सृजन दी जी
ReplyDeleteसादर
धन्यवाद प्रिय अनिता।
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ऋतु जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति दी
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ओंकार जी
ReplyDeleteस्नेहिल धन्यवाद अनुराधा प्रिय।
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