बड़ी बड़ी चुनौतियों से गुज़रा है भारत देश, ये मुसीबत का दौर भी गुजर जायेगा...
माना कि बेमौसम पतझड़ की बरसात हो रही है, एक दिन इसमें भी फूल खिल जायेगा!
न हो उदास साथियों ये रात भी ढल जाएगी आश की किरणों से उजास हो जाएगा....
वक्त कब एक सा रहा है, भला सोचों ज़रा वक्त को भी. कर्मों से अपने इन्सान हरा जाएगा!!
देश गुलजार होगा, हंसेगा नयन काजल, बजेगी पांव की पायल.....
'माता की स्नेह वर्षा,तन मन आल्हादित कर जाएगा !
हिम्मत देंगी हमें "माँ दुर्गा" , आस्था विश्वास राहें दिखाएंगी...
इस विषम घड़ी से भी हम , एक दिन निकल जाएंगे!!
न हो उदास साथियों......
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उर्मिला सिंह
सही कहा भारत इस वक्त बहुत ही मुसीबत दौर से गुजर रहा है लेकिन भारत इस मुसीबत दौड़ से बिल्कुल निकल जाएगा बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक धन्य वाद Sawai Singh ji
Deleteबहुत सुंदर और सार्थक सृजन दीदी
ReplyDeleteस्नेहिल धन्य वाद अनुराधा जी
Deleteआपका हार्दिक आभार मेरी रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए! शुभरात्रि
ReplyDeleteवाह!उर्मिला जी ,बेहतरीन सृजन । जी ,जरूर निकलेगा हमारा देश इस मुसीबत से ।
ReplyDeleteशुभा जी हार्दिक धन्यवाद.
Deleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक धन्य वाद ओंकार जी
Deleteबहुत सुंदर आशावादी सृजन दी मन के संशय को राहत देती सार्थक रचना।
ReplyDeleteस्नेहिल धन्य वाद प्रिय कुसुम
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ReplyDeleteहिम्मत देंगी हमें "माँ दुर्गा" , आस्था विश्वास राहें दिखाएंगी...
इस विषम घड़ी से भी हम , एक दिन निकल जाएंगे!!
बिलकुल ,बहुत सुंदर सृजन ,सादर नमन आपको
शुक्रिया कामिनी जी
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