मित्र मंडली इम्युनिटी बढ़ाने का स्रोत होताहैं
कभी तोला कभी मासा कभी सवासेर होता हैं।
बिन इनके जिन्दगी स्वाद विहीन रसहीन होती
सच पूछो तो जीने का मज़ा मित्र मंडली में होता है।
जीवन का ऑक्सीजन मित्रमण्डली होती है।
रिश्ता न हो जिससे खून का फिर भी प्रिय लगे
दु:ख सु:ख में जिसके कन्धे पे सर रख चैन मिले
जिसके साथ चलने से थकाने स्वयम दूर होती हों
रात में जगा कर जिसे परेशानियां सुनाने लगे।
वो दोस्त होते हैं जनाब उसी को दोस्ती कहतें हैं।
दूर रहते पर दिल के तार एक दूसरे से जुड़े रहते
हँसी ठिठौली जिसके साथ बिंदास कर सकते
बेजान जिन्दगी में जो जान डाल देतें है.....
जिसे देखते अधर पर मुस्कान मन झूम उठता है।
उसे दोस्त कहते हैं ....हां उसी को दोस्त कहतें हैं
मिनटों में गमगीन चेहरे को जो पढ़ लेता है
पलकों के पीछे छुपे अश्को को जो देख लेता हैं
रूठने में भी जिसके प्यार झलकता हो......
शिकवे शिकायते भूल जो गले लग जाता हैं....
वहीअटूट रिश्ता दोस्ती और दोस्त कहलाता हैं।।
.....उर्मिला सिंह
ऐसा दोस्त भी बहुत मुश्किल से मिलता है । बहुत खूब ।
ReplyDeleteधन्यवाद संगीता स्वरूप जी। सही कहा आपने ।
ReplyDeleteरिश्ता न हो जिससे खून का फिर भी प्रिय लगे
ReplyDeleteदु:ख सु:ख में जिसके कन्धे पे सर रख चैन मिले
जिसके साथ चलने से थकाने स्वयम दूर होती हों
रात में जगा कर जिसे परेशानियां सुनाने लगे।
बड़े नसीब से मिलते हैं ऐसे दोस्त...
बहुत ही लाजवाब सृजन
वाह!!!
हार्दिक धन्यवाद सुधा जी।
ReplyDeleteसुन्दर सृजन।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सुशील कुमार जोशी जी।
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