मन की बाते.. शब्दों के सहारे......
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राजनीति में कोई किसी का दोस्त नही होता है
हर किसी में अहंकार का तूफ़ान मचलता है
ये खेल राजनीति का चल रहा सदियों से......
पूज्य हैं जो,उनका गालियों से सम्मान होता है।।
कर दिया दफ़न ज़मीर को नेता बन गये
प्रवचन देने लगे साधू फ़कीर महात्मा बन गये
चुनाव आते ही नेता जनता के इर्द- गिर्द घूमते
राष्ट्रभक्ति का राग गुंडे भी अलापने लग गये।।
सब्र बड़े सवाब का काम होता,हर पश्न का ज़वाब होता ,
हर काम का अन्दाज लगता,पर सब्र के सवाब का अंदाज नही होता ,
सब्र करने वालों पर प्रभु की रहमत बरसती....
सब्र श्रद्धा,भक्ति जीवन का मूल मंत्र होता है।।
सत्य ईश्वर से परिचित कराता ,सत्य जीवन को
खुशियों से भरता
सत्य शान्ति का पाठ पढ़ाये,सत्य वक्त का मरहम होता है।
सत्य पर अडिग रहो सत्य ही सही राह दिखाता
सत्य को भूलो नही सत्य ही ईश्वर सत्य ही ईमान होता।।
उर्मिला सिंह।