बुरा न मानो होली है.......
जोगीरा... सर ..रर...र....l2l
बाजत झाल मजीरा और मृदंग ....
जोगीरा सर ... रर... र l2l
थिरकत पांव बजत पयजनिया..
मनवां हुआ मलंग .....
जोगीरा सर.. रर .. र.... l2l
फागुन की मस्त तरंग
घुलने लगा है मन में रंग...
चाभत पान,अधार भये लाल
पियत गिला सिन भंग.......
जोगीरा सर... रर ...र .......l2i
भींगा लहंगा भींगी आंगिया भींग गई हैचुनर
राग रंग,रस छंद बहे कंगन बाजे खन खन
जोगीरा सर .रर...र. ......l2l
फागुन की मस्ती में घूमें मतवालों की टोली
गुनगुन करता भृमर सुनाये कलियों को होरी
जोगीरा सर ...रर ...र... l2l
सदभावों की गुझिया,प्रेम मिश्रित है भंग..
पीकर मस्त हुए, भूले द्वेष भाव और रंज...
जोगीरा सर... रर .... र . ...l2l
.... उर्मिला सिंह
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