Wednesday, 18 July 2018

जुगनुओं ने चुनौती दी सूर्य को....

आज फिर जुगनुओं ने चुनौती दी सूर्य को! आज फिर अभिमन्यु घिरा कायरों से युद्ध में! आज फिर सत्य हारता ,झूठ सिरमौर हुवा! धर्म सिर झुकाता ,अधर्म सीना तान के चला! आज फिर कलियाँ सिसकती ईमान है बिकता ! हो गर शक्ति के विद्युत कण अग्नि पथ चलो! लक्ष्य दूर है पर मजबूर नही आगे बढो! तिथियां जैसे बदलती ,अंधेरी रात कट जाएगी! लिखेगा इतहास कहानी फिर इस धरा पर! उदय होगा सूर्य प्राची में रश्मियाँ खिलखिलायेंगी!! फिर बजेगा सत्य का डंका जहरीले साँप भष्म होंगे! फिज़ाओं में होगी हवा प्यार की, नफरते बेदम होंगी! सत्य के पाल की नोका तूफ़ानो के पार होगी!आवाज कर्म की होगी बुलन्द,हौसलों की जीत होगी खीचेगा चाँद आसमाँ पर फिर लकीरें जीत की तेरी! चाँदनी गुनगुनायेगी विजय गीत ,रहनुमाई में तेरी!! #उर्मिल

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