सागर लहरें
Tuesday, 10 December 2024
धूप- छांव
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धूप... कभी धूप मिले कभी छांव मिले कभी फूल मिले कभी शूल मिले पांव चलते ही रहे चलते ही रहे... पावों से शिकायत छालों ...
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Sunday, 8 December 2024
मुक्तक
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दर्दोगम को दिल में छुपाये रखती है कई ख्वाब आँखों में सजाये रखती है जिन्दगी को तपिश की लपटों से बचाती हुई नारी पहेली बनी कर्तव्य पर उत्सर्ग...
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Wednesday, 4 December 2024
आज वरदान दे मां....
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आज वरदान दे माँ आज दे वरदान मां अपने स्नेहा-अंचल की छांव,आज दे वरदानमां हृदय ज्वार अपरिमित आज है दिखती नहीं ...कोई पतवा...
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Saturday, 2 November 2024
जिन्दगी में क्या है?
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जिन्दगी में क्या है,कुछ ख्वाब कुछ उम्मीदें अगर इनसे खेल सको तो कुछ पल खेलो।। रिश्ते लिबास बन गए आज की दुनियां में हर चेहरे पर ...
Wednesday, 30 October 2024
आज कुछ ऐसे दीप जलाएं
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चलो दीपावली ऐसी मनाएं तिमिर आच्छादित न हो.... अंतर्मन को पावन कर..... नेह की लौ तेज कर लें जगमग जीवन हो जाए।।. चलो आज ऐसा दीपक जलाए...
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Thursday, 24 October 2024
जीवन का यथार्थ
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जीवन का यथार्थ..... 🍁🍁🍁🍁🍁 शाम का समय..... ढलते सूरज की लालिमा.... आहिस्ता- आहिस्ता...... समुन्द्र के आगोश में..... विलीन होने लगा.........
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Sunday, 25 August 2024
कृष्ण जन्माष्टमी पर एक पुकार
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सुनो हे कृष्ण मुरारी,व्यथा से पीड़ित नारी क्या इस युग में भी तुम आओगे? प्रश्न हमारा तुमसे है ,हे राघव हे बनवारी पुकार लगाया जब दीनो ने,दौड़...
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