Wednesday, 26 September 2018

हाले दिल ...

दास्ताँने इश्क सुनायेंगे आज सुनिये  की न सुनिए!
हाले दिल सुनायेंगे,अश्फाक करिये की न करिये!!

जुर्में वफ़ा करतें हैं ,तेरी नफ़रत को आजमाएंगे!
दर्दे दिल सुनाएंगे ,इनायत करिये की न करिये !!

आईना बना के तुझको, रूबरू किया ज़िगर को!
तेरी तस्वीर है ज़िगर में सजाइये  की न सजाइये!!

दर्द के अंधेरे  रफ़्ता रफ़्ता आग़ोश  में लेने लगे!
अब जिन्दगी में चाँदनी रात करिये की न करिये !

मुंतशिर हुवा  ख़्वाबों का नगर ठहरे हुवे हैं  गम!
अलविदा से पहले सलाम कबूल करिये की न करिये!
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                                           🌷ऊर्मिला सिंह

6 comments:

  1. वाह दी लाजवाब ....बहुत उम्दा 👌👌👌
    नमन आप को इतनी सुन्दर रचना लिखने के लिये 🙏🙏🙏

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    1. हार्दिक धन्य वाद प्रिय नीतू जी

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  2. वाह दी लाजवाब! सच बहुत उम्दा से ख्याल सभी शेर शानदार।

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    1. हार्दिक धन्य वाद प्रिय कुसुम

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  3. बेहतरीन गजल उर्मिला दी

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  4. हार्दिक धन्य वाद प्रिय अनुराधा जी

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