Sunday, 7 April 2019

देश की भाव भरी मिट्टी की सुगन्ध विस्मृत होती जारही वाणी की शक्तियां नेताओं की चाकरी में मशगूल होती जारही

आज देश को मुक्कमल सरकार मिलना चाहिए
***आज देश को मुकम्मल सरकार मिलना चाहिए
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अगर  है  प्रीत देश से , तो सत्य परखना चाहिए
आज आजाद भगत सिंह जैसा देश भक्त होना चाहिए!

आज देश को मुकम्मल सरकार मिलना चाहिए!

देश की दीवार हिलाने पर जुटी हैं पार्टियां सभी
आज देश को मुक्कमल सरकार मिलना चाहिए!

आज देश को मुकम्मल सरकार मिलना चाहिए!

हंगामा,भीड़ जुटाना मकसद होगया है पार्टियों का
देशवासियों एक जुट होकर भ्र्ष्टाचार मिटाना चाहिए!

आज देश को मुकम्मल सरकार मिलना चाहिए!

देश किसी एक की जागीर नही होती जान लो
अब देश से वंशवाद की बुनियाद हिलाना चाहिये!

आज देश को मुकम्मल सरकार मिलना चाहिए!

प्रेम मोहब्बत की रचनाएं लिखते रहे हम सभी
आज कवि कलम को तलवार की धार होंना चाहिए!

आज देश को मुक्कमल सरकार मिलना चाहिए!

                          जय हिन्द

               🌷उर्मिला सिंह

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