बिखरे पन्नो पर स्याही शब्द हुवे सजल
कोई कहता कविता कोई कहता गजल ।।
लफ्जों की कमी है दर्दों का खज़ाना है
दुनियां है बेमुरव्वत जिन्दगी फ़साना है।।
उर्मिला सिंह
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