Saturday, 30 December 2023

जाते हुवे 2024 दिसंबर....

बहुत याद आओगे जाते हुए 2023

जाड़ो की गुनगुनी धूप ,

मोतियों सी चमकती नर्म दूबों पे शबनम !

लिपटे हुए  सर्द कोहरे में हम ,

यादों की माला जाती महक !

गज़क मुमफली की मीठी यादें ,

दोस्तों के संग बिताई हुई रातें !

बहुत याद आओगे  जाते हुए 2023दिसम्बर  !!


यादों के ज़हन में  बिखरे कई रंग  ,

कुछ तल्खियों  के मंज़र ,

कुछ ग़मों के कोहरे हैं 

गुज़रते कारवाँ की गुबारे 

बीते लम्हे जो कसक बन चुभते ,

भुलाये  नहीं भूलेंगे कभी !

बहुत याद आओगे जाते हुए 2023दिसम्बर !!


यादों की रजाई  में ठिठुरते ,

कई रंजो गम के पिटारे हैं खुलते !

कुछ बिखरी पंखुड़ियां खुशिओं की ,

दिए जाते हो अंचल  में मेरे !

जीने का मकसद बताते हुवे....

जुदाई का गम दिए जाते हो......,

बहुत याद आओगे जाते हुए2023 दिसम्बर !!


मिलना - बिछुड़ना जगत की रीत है ,

उम्मीदों के सहारे ज़िन्दगी चली है !

फिर नई किरणे फैलेंगी अम्बर में ,

गुज़रे लम्हों  की यादों  में ,

हमारी ही आँखें नम तो नहीं !

रफ्ता-रफ्ता  वक़्त सफर तय करता रहा !

घड़ी की सुइयाँ  मनुहार से भी रुकती कहाँ ,

अलविदा जाते हुए 2023दिसम्बर !

बहुत याद आओगे जाते हुए दिसम्बर !!


                ## उर्मिल ##




Thursday, 28 December 2023

कुछ मन के भाव....बस यूं ही...

बिखरे पन्नो पर स्याही शब्द हुवे सजल 

कोई  कहता कविता कोई कहता गजल ।।


लफ्जों की कमी है दर्दों का खज़ाना है 

दुनियां है बेमुरव्वत जिन्दगी फ़साना है।।

           उर्मिला सिंह

Tuesday, 26 December 2023

कुछ मन के भाव....

ज़ख्म से जब जख्म की आंखे मिली

दिल के टुकड़े हुवे जख्म मुस्कुराए.....।


जख्म ने  हंस कर जख्म से पूछा.....

कहो कैसे गुजरे दिन अश्कों के समंदर में...।


अतीत के अंचल के साए में रात गुजरी

दिन की न पूछ यार मेरे की कैसे गुजरी।।




        उर्मिला सिंह

Sunday, 17 December 2023

सभी बाहुबली सभी सिकन्दर हैं

सभी बाहुबली सभी सिकन्दर हैं
सभी राष्ट्रवादी सभी देशभक्त हैं
मुकाबला हो तो किससे हो .....।।

बड़ी मुश्किल में हैं देशवासी
सभी सत्य वादी सभी असत्यवादी
किसी को फ्री की रेवड़ी में विश्वास हैं
कोई लगाता विकास वाद का नारा है।।

सभी बाहुबली सभी सिकन्दर हैं।
 मुकाबला हो तो किससे हो...

कोई पढालिखा कोई फर्जी ईमानदार है
झूठ का झंडा लिए खड़ा महान आप है।कोई'भारतजोडो यात्रा'जीत का मंत्र मानता
ज़बान फिसलना पैदाइसी अधिकार जानता।।

  सभी बाहुबली सभी सिकन्दर है।
  मुकाबला हो तो किससे हो......

 कहीं लाखों में टिकट बेच, मूछों पर देता ताव 
 राजनीति में आज आगया गदरनीति का भाव 
 अपनी झोली भरने को आमदा सभी नेता
 किस सेआस, किसपर विश्वास करें जनता....
 असमंजस में जनता किसे स्वीकार करे.....

      सभी बाहुबली सभी सिकन्दर हैं
      मुकाबला हो तो किससे हो.....।।
 
 महाभारत मचा पार्टियों में, कृष्ण चुपचाप हैं
 किंकर्तव्य विमूढ़ जनता अर्जुन की पुकार है
 दूर दूर तक दुर्योधन ही दुर्योधन दिखते....
 संयम अनुशासन सिसकी लेता चुपचाप है।।
 
      सभी बाहुबली सभी सिकन्दर हैं
      मुकाबला हो तो किस्से हो......।।
        

                  उर्मिला सिंह
 
 
  
 
 
 

Wednesday, 30 August 2023

राखी के धागे....

रिश्तों के स्नेहिल धागे रक्षाबंधन
         पावन स्नेह के साक्षी रखी के बंधन।।

रिश्तों की महक खो गई रफ़्तार की जिंदगी में
 राखियां अपना वजूद ढूढती आज की जिंदगी में
 स्नेह का वो बन्धन जाने कहां खो गया.....
 बनावटी स्नेह के धागों में सिमट गई जिंदगी।

 आधुनिकता के दौड़ में भूल गए जिन्दगी
 ख्वाबों की चमक में भूल गए हंसी, दिल्लीगी
 अब न वो अपनापन, न रही बचपन की दोस्ती
 भावशून्य इंसान,मशीन सी संचालित जिन्दगी।।

                उर्मिला सिंह
 

Saturday, 22 July 2023

जिन्दगी की सिलवटे मौत के साथ जाती नही,
जिस्म चला जाता है  यादों  के निशा जाते नहीं!!
             🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
बागवाँ  सींचता रहा पौध   उम्र  भर,
 फूल तो खिले, पर उसे देख मुस्कुराते नही!!
             🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
जिस्म  वक्त की  चाकी में उम्र भर पिसता रहा 
एक  रूह  है, जो जलाने  पर भी जलती नही !!
          🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
गमों से पर्दा क्या उठाया अश्क छलक आए,
सुलगती  रूह ,गम  को  बयाँ करती नही!!
            🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
      ..                                               उर्मिल🌹



Friday, 14 July 2023

नई उमर की नई फसलों...

नई उमर की नई फसलों ,जो बोओगे वही काटना होगा
उठो वीर जवानों क्रांति मशाल अब तुम्हे जलाना होगा।

      कुचक्र राजनीति का ,आज दुश्मन चला रहा
      अनीति द्वेष की आग में किसानों को जला रहा
      प्रपंच पाप रच के मति भ्रम देशद्रोही कर रहा
      सत्य की नींव हिले नही प्रयास सदा तुम्हारा होगा।।
      
 सुशुप्त राष्ट्रभक्ति की सोई हुई आत्मा को जगाना होगा
 उठो,वीर जवानों  क्रांति मशाल अब तुम्हे जलाना होगा।

    चहुँ ओर दिशाएं तप्त ,नफ़रत की घटाएं छा रही
    असंख्य लाल शहीद हुए , तब मिली ये आजादी
    सश्य श्यामल धरा रहे पुनीत पावनी सदा.....
    शहीदों का लहू इस जमीन से पुकारता होगा...

मिटे न आन बान माँ भारती की, प्रयास नित करना होगा
मौन त्याग सिंहनाद कर क्रांति मशाल तुझे जलाना होगा।।

     बयार बसन्त की पतझड़ न बनने देना कभी
     विश्वास लोकतंत्र का खोने न देना तुम कभी
     अखण्ड भारत को दुश्मन अब न हिला सके कभी
     सारे भारत में 'हर-हर बम' का फिर  मंत्रोंच्चार होगा..
     
    
 उठो जवानों पुनः सांप और सपोले का फन कुचलना होगा
 अपने शंख नाद से क्रान्ति मशाल तुम्हे पुनः जलाना होगा।।

                    ********0********
                                                   उर्मिला सिंह
    
     
     






    
      

Tuesday, 20 June 2023

योग दिवस

योग दिवस पर समर्पित हमारी रचना उस महान व्यक्तित्व को.....
जिसने विश्व में योग का बिगुल बजाया .....
                   ******

परिचय भला क्या दूं सभी को अपना
देश की सभ्यता संस्कृति,कर्तव्य अपना
देशभक्ति में डूबा देश का एक रक्षक हूं
मौन गरीबों,क्षुधा पीड़ितों का हुंकार हूं।।

कोई बन्धन नही कैदी हूं केवल देश का
हर सांस पर अधिकार केवल  देश का
मुझे रोक सकता नही अब कोई.....
आवाज हूं देश में जन जन के हृदय का ।।

न मरने की चिन्ता न जीने की चिन्ता
कण कण में फूकने भैरव हुंकार लिए चलता
हिन्द की मिट्टी,तुझे छू शपथ आज लेता.....
नही बाधाओं की किया कभी चिन्ता
देश मान,सम्मान है,भारत ही परिचय मेरा।।

योग से लेता प्रेणना निरंतर आगे बढ़ने का
ध्यान, देता आत्मबल सदैव हमारी सोच को
तनाव चिंताओं को प्रतिबंधित कर.....
नित शरीर मन में नव ऊर्जा का संचार करता
शरीर का इससे बढ़कर न कोई मित्र होता।

             नित योग करिए जीवन में स्फूर्ति ऊर्जा का संचार करिए।।
            उर्मिला सिंह

Wednesday, 14 June 2023

कल और आज

आज.....

रंगों भरा आसमाँ दिल के 
कैनवास पर उतर आता है
मैंने भी सोचा चलों पन्नो के कैनवास पर...
कुछ तस्वीरें बनाती हूँ.....
रंग बिरंगी ,प्रकृति की मनोरम छटा
कल-कल बहती नदी......
लहराता सागर.....
पनघट पर आती-जाती  ओरतें.....
खेतों की हरियाली .......
झूमती कलियां - खिलतें फूल...
रम गया मन, चित्रों को .........
केनवास पर बनाने में 
सधे हाथों ब्रश चल पड़ा....
कुछ अंतराल के बाद.....
ब्रस रोक कर देखती हूँ
केनवास पर की गई अपनी चित्रकारी,
स्तब्ध रह जाती हूँ.......
उसपर मानसिक विकृतियों....
के अनेक रूपों का चित्र बना था
ऐसा लग रहा था मानो...
समाज की सारी विकृतियां
इस कैनवास पर मुझे
चिढ़ा रही हैं....
मैं सिर पकड़ कर बैठ गई....
शून्य की तरफ़ देखती रह जाती हूँ।।

            उर्मिला सिंह



Thursday, 4 May 2023

ऐ दिल!आ लौट चलें फिर उस गली

ऐ दिल !आ लौट चलें फिर उस गली 
जो  छोड़ आये थे हम कभी
कुछ लम्हे कुछ पल कुछ यादें...
समेटे अंचल में अपने, गुनगुनाए ।।

ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली...

वो खुशनुमा शामें गपसप के तराने
छात्रावास की जिंदगी केंटीन के नजारे
सीनियर जूनियर रिश्तों की कहानियां...
भूले नही भूलती छात्रवास की शामेँ.....।।

ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली

 क्रिसमस की रातें,दीपावली की जगमग
 होली के हंगामें,पिकनिकों की हलचल
 वार्डेन से सिर झुका डाट खाना,मुस्कुराना...
 आज भी याद हैं नादानियों के वो किस्से ....

 ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली

 भूली उन्मुक्त हंसी,कृतिम मुस्कानअधरों पर
  खो गई जिन्दगी ,जिन्दगी की राहों पर....
 अब न वो दिन रहा न रही महकती बातें
  यंत्र चलित जिन्दगी अदृश्य हुई सुनहली रातें।।
  
   ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली...

    जिन्दगी पर बेवजह की बंदिशे ....
    ख्यालों पर शून्यता के लगे पहरे.....
    जिस्म वक्त की चक्की में पिसता रहा...
     हम चांद तारों में गुमसुम उलझे रहे।।

    ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली....
    जो छोड़ आए थे  जिसे हम कभी.....

                  उर्मिला सिंह


Sunday, 19 March 2023

प्रार्थना.....

प्रातः वन्दन🙏🏻🌹🌹

मैं नित्य गल्तियां करती हूं
तू नित्य क्षमा करता है।
मैं  आदतें सुधारती नही
तूँ  कृपा बरसाना भूलता नही।
 मैं जैसा चाहती तूँ वैसा ही है
 पर तेरे हिसाब से मैं नही हूँ।
 मुझे अपने हिसाब से ढाल दे
 मेरी हर गलतियां सुधार दे..
 तेरे चरणों की धूल मिल सके
 मुझे नाथ ऐसा इंसा बना दे।
 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
    मंगलमय सुप्रभात🙏🏻🙏🏻

Monday, 6 March 2023

बुरा न मानो होली है

बुरा न मानो होली है.......

जोगीरा... सर ..रर...र....l2l
बाजत झाल मजीरा और मृदंग  ....
जोगीरा    सर ... रर...  र   l2l

 थिरकत पांव बजत पयजनिया..
 मनवां हुआ मलंग .....
 जोगीरा   सर.. रर ..  र.... l2l

फागुन की मस्त तरंग 
घुलने लगा है मन में रंग...
चाभत पान,अधार भये लाल 
पियत गिला सिन भंग.......
जोगीरा   सर... रर ...र .......l2i


भींगा लहंगा भींगी आंगिया भींग गई हैचुनर
राग रंग,रस छंद बहे कंगन बाजे खन खन
जोगीरा     सर .रर...र. ......l2l

 
 फागुन की मस्ती में घूमें मतवालों की टोली 
 गुनगुन करता भृमर सुनाये कलियों को होरी
 जोगीरा  सर ...रर  ...र...    l2l

 सदभावों  की गुझिया,प्रेम मिश्रित है भंग..
 पीकर मस्त हुए, भूले द्वेष भाव और रंज...
 जोगीरा    सर... रर .... र . ...l2l


                               .... उर्मिला सिंह
 
 


Saturday, 18 February 2023

ॐ नमः शिवाय.....

शिव रात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
                *****0*****
शिव अनादि है अनन्त है
ॐ नमः शिवाय मन्त्र है
तन पर व्याघ्र चर्म छाल है
गले सर्प माल है......
अनाथों का नाथ है
तूँ ही भोले नाथ है
तूँ ही कालो का काल है
तूँ ही त्रिनेत्र धारी
 तूँ ही नील कंठ है
देवो के देव ......
तूँ ही विध्वंस कारी 
तूँ ही निर्माण कार्य
तूँ ही करुणामय 
तूँ ही त्रिपुरारी है
चरणों में शत शत
 वन्दन है.....
तेरी कृपा तेरी दया का
अभिलाषी,हर जन, मन है
जपन तेरा नाम का
 'उर्मिल' उर करता
   आठों प्रहर है।।
        उर्मिला सिंह

Friday, 6 January 2023

ऐ दिल आ लौट चलें....

ऐ दिल !आ लौट चलें फिर उस गली 
जो  छोड़ आये थे हम कभी
कुछ लम्हे कुछ पल कुछ यादें...
समेटे अंचल में अपने, गुनगुनाए ।।

ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली...

वो खुशनुमा शामें गपसप के तराने
छात्रावास की जिंदगी केंटीन के नजारे
सीनियर जूनियर रिश्तों की कहानियां...
भूले नही भूलती छात्रवास की शामेँ.....।।

ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली

 क्रिसमस की रातें,दीपावली की जगमग
 होली के हंगामें,पिकनिकों की हलचल
 वार्डेन से सिर झुका डाट खाना,मुस्कुराना...
 आज भी याद हैं नादानियों के वो किस्से ....

 ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली

 भूली उन्मुक्त हंसी,कृतिम मुस्कानअधरों पर
  खो गई जिन्दगी ,जिन्दगी की राहों पर....
 अब न वो दिन रहा न रही महकती बातें
  यंत्र चलित जिन्दगी,अदृश्य हुई सुनहली रातें।।
  
   ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली...

    जिन्दगी पर बेवजह की बंदिशे ....
    ख्यालों पर शून्यता के लगे पहरे.....
    जिस्म वक्त की चक्की में पिसता रहा...
     हम चांद तारों में गुमसुम उलझे रहे।।

    ऐ दिल आ लौट चलें फिर उस गली....
    जो छोड़ आए थे  जिसे हम कभी.....

                  उर्मिला सिंह