ख्वाबों के ठंढ़ी छाँव तले, नींद जरा धीरे-धीरे चल! टूट न जाय सपन,सुनहरे भींगे न जाय आँखों के कोरे! नींद जरा धीरे धीरे चल #उर्मिल#
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