मीत मेरे.....
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मीत मिले..
दो फूल खिले..
बगिया महकी..
जीवन सुरभित..
अरमान जगे..
नैन लजीले..
कुछ शरमाये..
कुछ सकुचाये..
सैनन बात कहे..!!
हम एक हुए..
प्रीत बंधी..
है रीत यही..
रात हसीं...
जज़्बात बहे..
दिल हार गई...!!
कंगना खनके..
पायल झनके..
बिंदिया चमके..
मन मीत मेरे...
प्राण मेरे...
प्यार मेरा..
श्रृंगार मेरा..
दम से तेरे..!!
हमराज ...मेरे..
पथ एक हमारे..
सुख.....दुख
साथ जियें हम..
जनम....जनम..
प्रीत की गागर..
तुम ही छलकाओ..!!
****** 🌷उर्मिला सिंह
बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत लाजवाब रचना लिखी दी। बहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह दी लाजवाब श्रृंगार समर्पण रचना ।
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