भारत के जाँबाज सैनिक
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भरो हुँकार ऐसी धरती से अम्बर तक हिल उठे
शौर्य की हो अंगार वृष्टि, अरि तृण से जल उठे
यम के समक्ष जैसे चलता नही वश किसी का
काटो मुंड दुश्मनों के ,जीत की दुंदभी बज उठे!!
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🌷उर्मिला सिंह
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