सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा हम बुलबुले हैं इसके........
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चतुर्दिक काँव काँव की आवाजें है देती सुनाई
कहीं बुलबुल की आवाजें है देती नही सुनाई
अभद्र वक्तव्यों सेे खुद को साबित करते हैं बलशाली
जनसेवा का ढोंग रचते भरते हैं जेब अपनी खाली!!
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🌷उर्मिला सिंह
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