Sunday 11 October 2020

ह्रदय प्रेम की लहरें नयन करुणा की ज्योति,ऐ मालिक सुन ले बस इतनी सी विनती मेरी।।

अन्तर्मन
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जीवन के दुखमय क्षण में
 घनघोर अंधेरा दिखता हो
 मष्तिष्क काम नही करता हो
 तब अन्तर्मन जुगनू बनके.....
 पथ भूले पथिक को राह दिखलाता है ।।

 जब मन की  उलझन बढ़ने लगती है
 जब रिश्तों की तुरपन खुलने लगती है
 दूर कहीं शून्य एक आवाज गूंजती है
 जग तो रंगमंच है ,तेरा मेरा कुछ भी नही
 बस कर्मों पर आत्मविश्वास की दस्तखत होती है।

शान्ति सहन शीलता वातानुकूलित कक्ष होती है
शीतलता,क्रोध चिंता रहित जीवन प्रदान करती है
मौन मस्तिष्क को आराम देता है.......
नैतिक, आध्यात्मिक मूल्यों का ज्ञान कराता 
प्रत्येक  दिन में छुपा एक गुह्य राज होता है।।

प्रेम सार्वभौम है ,होती नही है इसकी कोई सींमा
बिन प्रेम अनर्थक जीवन पावन प्रेम शक्ति है देता
जीवन से दुर्गुण दूर कर महकता और महकाता
चहुंओर प्रेम प्रवाहित करना  धर्म हमें सिखलाता।
ईर्ष्या द्वेष, तिमिर छट जाता जब प्रेम ह्रदय बस जाता।।

                 उर्मिल सिंह



              

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