Sunday, 13 January 2019

कर्मवीर....

कर्मवीर बन कर आज सोये हुवे जन मानस को सत्य की पहचान कराना होगा...

कर्म वीर.....
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जिसको जो कहना है कहे...
तूँ अपना कर्म निभाता चल !
जिससे देश गौरवान्वित हो..
तूँ देश धर्म  निभाता  चल!!
          
तूँ कर्म वीर, कर्म निभाता चल!!  

अंतर के भावों को अपने ..
रोक नही संसय में पड़ के !
हुँकार भरो जन मानस में..
सोई तरुणाई, जगाता चल!!
                 
तूँ कर्म वीर, कर्म  निभाता चल!!

    जितना दिल में ज्वार उठेगा..
    उतना  ही   विश्वास  जगेगा !
सत्य अटल है राजनीति को बतलादो..
हथियार सत्य का लेकर चलता चल!!

तूं  कर्म वीर, कर्म निभाता चल !
                      
जो रहते हैं आलीशान महल में ..
देश की मिट्टी की पीड़ा क्या जाने!
तूफानों में भी पंख खोल दे अपने..
राजतंत्र  की  माया रौंदता चल!!

तूँ  कर्म वीर ,कर्म निभाता चल!

     तूं  तम  में भी प्रकाश बन कर..
     घर - घर  ज्योति जलता चल !
     अजेय बन, देकर अपनी कुर्बानी..
     तूं माँ का मस्तक ऊँचा करता चल!!

        तूँ कर्म वीर ,कर्म निभाता  चल !!
          
               
    
                              🌷उर्मिला सिंह
              

              

2 comments:

  1. ओजस्वी रचना ...
    जोश का संचार करते भाव ...

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  2. हार्दिक धन्यवाद आपका मान्यवर

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