आज पत्ते चिनारों के हंस रहे हैं झुमके.......
सिसकती वादियां महकती केसर के फूल से...
मंदिरों में बजती घण्टियाँ देरहीं आशीष हैं दिशाएं सजाए थाल गारही मङ्गल गीत हैं! मांभारती के मुखमण्डल पर लालिमा छाई
हुआआजाद कश्मीर आज जन्नत लौट आई !
सदियों से बैचेन गले मिलने को भारत वासी
अधूरी थी आजादी,अभी तकआज पूरी हो गई!!
सही माने में शहीदों को श्रदांजलि आज मिल गई।
खण्डित भारत अखण्ड हुआ तिरंगा भी आज मगन हुआ
एकबार फिर भारत की किस्मत जागी,
हुई विशेष आज भारत की आजादी!
लाखों जतन के बाद पाया है तुझे हमने.......
प्रेमाश्रु नयन विकल है मिलने को तुमसे
गीले शिकवे भूल आज फिर एक हो जाएं
सच्ची श्रदांजलि अपने पूर्वजों को चढ़ाएं
भटकती रूहें कह रही है सिसकतीआज....
गुजरेगी फिजाओं में फिर मोहब्बत के तराने
सुनसान घरों को दीवार आवाज देती हैं तुम्हे, लौट आओ फिर घर छोड़ कर जाने वालो।
केसर की क्यारियां झील के किनारेयाद करते हैं
सूफ़ी,सन्त बाबा ऋषियों सभी दरगाहों से.... आवाजआती है.....लौट आओ जाने वालों
🌷 उर्मिला सिंह
भारत माता की जय
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