आकाश में सितारों की छटा बदल गई है
डरी घाटियां आज़ादी के जश्न में चहक रही हैं!!
***********************************
जो चिड़िया पिंजरे में बन्द थी आजाद होके चहक रही है
आज शिकारे नही जैसे पुष्पवाटिका झीलों में तैर रही हैं!
ज़रा आके तो देखिये धरती का ताजा स्वर्ग अब यहीं हैं ,
स्नेहिल रक्षाबंधन के पर्व से आज घाटियां महक रहीं हैं!
🌷उर्मिला सिंह
No comments:
Post a Comment