शब्दों की अपनी गरिमा होती है ,ये दोस्त है तो दुश्मन भी प्यार है तो नफरत भी अतएव शब्दों को सोच समझ कर खर्च करें यही आपकी वास्तविक संपदा है
शब्द.....
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जीवन
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शब्द कम हो पर ,
अर्थ असीमित !
दान कम हो पर ,
करूणा असीमित!!
जीवन कम हो पर,
अच्छाई असीमित!
है सार यही जीवन का !
क्यों कि---
जीवन ....है सीमित
असीमित ....नही !!
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#उर्मिल
बहुत गूढ़ और सार्थक अभिव्यक्ति दी।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आपको
Deleteवाह
ReplyDeleteयथार्थ
लाजवाब सृजन
शुक्रिया रवीन्द्र भारद्वाज जी
Deleteबहुत सुंदर और सार्थक सृजन
ReplyDeleteशुक्रिया अनुराधा जी
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