तम को चीरता नव वर्ष आया
धरा पर किरणों ने रंगोली सजाया।
उल्लसित हैं दिशाएं.....
चहुं ओर आल्हाद छाया
अभिनन्दन नव वर्ष,नव उजास आया।
तम को चीरता नव वर्ष आया....
खड़ा नव वर्ष बांहें फैलाये
नव उमंग नव आशाये लिए
पीछे मुड़ के देखना क्या....
सभी का नव चेतना से शृङ्गार करने
तम को चीरता देखो नव वर्ष आया।।
मायूसियों को छोड़ आगे बढ़ो
नई चुनौतीया संघर्ष है सामने
सपने साकार करने का वक्त आया
नई जिज्ञासाएं लिए नव वर्ष आया
तम को चीरता देखो नव वर्ष आया
दिलों से नफ़रतों का साये हटें
मोहब्बत से लबरेज़ दिल रहे
धानी चुन्दर पहन लहलहाएे धरा
यही अभिलाषा लिए नव वर्ष आया
तम को चीरता देखो नव वर्ष आया
नेताओ में राजनीति के गलियारे में
सुचिता पारदर्शिता का माहौल बने
देश के नव विकास में सभी सहयोगी बने
यही सन्देश लेकर नव वर्ष आया
तम को चीरता देखो नववर्ष आया
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उर्मिला सिंह
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteनव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
डॉ रूपचन्द्र शास्त्री जी आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
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