2020 --एक विश्लेषण......
संग अपने 20-20 जाने क्या क्या लिए जाते हो
खुशियों के पल, दर्द भरे लम्हे संग लिए जातें हो
पलको के तट चूम कर कहती अश्कों की जलधार......
भूल नही पाएंगें सदियों तक तेरा यह निर्मम वार।
पर कैसे कह दें दिया नही तुमने कुछ भी हमको
आत्मविश्वास,साहस धैर्य का पाठ पढ़ाया सबको
सुसुप्त रचनात्मक प्रवृतियों को जगाया तुमने
दूर किया सबसे तो घर मे रहना सीखलाया तुमने ।
भूल गया था इंसान अपनी क्षमता और बिसात
अहम भाव उसका समझा था स्वयंको भगवान
दुखी प्रकृति प्रदूषण से दूषित नदिया जलाशय
लॉकआउट होते मानो लौट आई हो सब में जान।
20-20 जाते-जाते दुआ करना,20-21तुमसा न हो
खुशियों की बरसात रहे भारत का उच्च भाल रहे
राजनीति के गलियारों में देश प्रेम का भाव रहे
नफरत की राजनीति नही नव विकास नव विहान हो।
उर्मिला सिंह
ReplyDelete20-20 जाते-जाते दुआ करना,20-21तुमसा न हो
खुशियों की बरसात रहे भारत का उच्च भाल रहे
राजनीति के गलियारों में देश प्रेम का भाव रहे
नफरत की राजनीति नही नव विकास नव विहान हो...
आमीन....
बस यही प्रार्थना है
बहुत ही सुंदर सृजन...।
ह्र्दयतल से धन्यवाद सुधा देवरानी जी।
ReplyDeleteआदरणीया उर्मिला जी, इस अच्छी सी कृति हेतु बधाई स्वीकार करें। ।।।।
ReplyDeleteआगामी नववर्ष की अग्रिम शुभकामनायें। ।।
जी हार्दिक धन्यवाद।
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" (1994...दुनिया के पूर्वी छोर न्यूज़ीलैंड से नव वर्ष का आरंभ होता है...) पर गुरुवार 31 दिसंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद हमारी रचना को शामिल करने के लिए।
Deleteनव वर्ष मंगलमय हो सभी को सपरिवार। सुन्दर।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद मान्यवर।नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं।
Deleteसुंदर संदेशों से भरी सारगर्भित रचना..।
ReplyDeleteआभर आपका जिज्ञासा सिंह जी।नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआप सभी को नव वर्ष की हारफिक शुभकामनाएं।
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