Thursday 31 January 2019

यादें.....

यादों पर किसी का वश नही चलता है।ये दिल के झरोखे से झांकती है जब तो शब्द पन्नो पर बिखर ने लगतें हैं.......।

यादें.........

आज फिर चाँद से यादों का धुवां उठता है
चाँदनी आज फिर  याद में तेरे जलना है
आज फिर उलझी उलझी सी सांसे भारी हैं
काच से ख्वाबों की बिखरने की आवाज आई है!!
                                 🌷उर्मिला सिंह

Monday 28 January 2019

कैसे कह दें देश आजाद होगया....

आज कल राष्ट्रीयता की भावना कुछ कम होती जारही है।सत्ता आसीन होने की व्याकुलता सभी के ह्रदय में अपनी जड़ जमा रही है।
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शहीदों की वीर गाथाएं सुन ह्रदय जोश से भर उठता है
भरत देश के गौरव को देख ह्रदय खुशी से झूम उठता है
जहां की मिट्टी चन्दन की खुसबू सी सुवासित होती है
वहां के कण कण को नमन करने को दिल मचल उठता है!!
                  परन्तु.....

      मन कैसे  कह दे  मधुमास  आगया
      मन कैसे कह दें देश आजाद होगया !!

जहां "भारत तेरे टुकड़े टुकड़े "होंगे का नारा बुलन्द होता हो
जहां बन्देमातरम  से  परहेज देश के नेताओं को होता हो !!

      मन  कैसे कह दे मधुमास आगया है
      मन कैसे कह दे देश आजाद हो गया है!

जहां सर्जिकल स्ट्राइक पर पश्न चिन्ह लगाया जाता हो
जहां अफज़ल के फाँसी पर अश्क बहाया जाता हो

मन  कैसे  कह दे  मधुमास आगया है !
मन कैसे कह दे देश आजाद हो गया है!!

जहां खुले आम शिक्षा संस्थान में नारा पाक का बुलंद होता हो
सुन कर जहां राज नेताओं की धमनी का लहू नही ख़ौला करता हो!!

       मन कैसे कह दे मधुमास आगया है
       मन कैसे कह दे देश आजाद होगया है।

जहां बचपन फुटपाथों पर पलता ,सोता और मर जाता हो
जहां गरीबों की उम्मीदें सरकारों से हर बार छला जाता हो

       मन  कैसे कह दे मधुमास आगया है!!
       मन कैसे कह दे देश आजाद होगया है!

जहां संसद की गरिमा को तार तार किया जाता हो
जहां सभ्यता संस्कृत को भूल अपशब्दों से प्रहार किया जाता हो!

         मन कैसे कह दे मधुमास आगया!
         मन कैसे कहदे देश आजाद हो गया!!

जहां आज भी नारी को सम्मान नही मिला करता
जहां नारी का दैहिक वैचारिक चीर हरण किया जाता हो !

           मन कैसे कहदे मधुमास आगया
           मन कैसे कहदे देश आजाद होगया!!

माँ भारती के आंखों से  क़तरा क़तरा  दर्द  बहा करता है बोस ,आजाद भगत सिंह जैसे देशभक्तों को ढूढा  करता है!

                          🌷उर्मिला सिंह

Tuesday 22 January 2019

बचपन...

नजाने कितने बच्चे फुट पाथों पर पैदा होते , बड़े होते और वहीं मर जाते हैं। यही उनके जीवन की सच्चाई है ।सरकारें आती हैं , चली जाती है,  उम्मीदे बंधाती हैं और तोड़ती है । परन्तु उनके जीवन में रत्ती भर भी फर्क नही आता है.....।
इसी तथ्य से आहत ये चंद पक्तियाँ  :-

बचपन  फुटपाथों पर बिताती है जिन्दगी..
दर्द, के कालिखो में  जीती  रहती जिन्दगी..
फिर भी उम्मीदों का सहारा लेती है जिन्दगी..
उम्मीदों से ही बार - बार छली जाती है जिन्दगी!!
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                                         🌷उर्मिला सिंह

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Sunday 13 January 2019

कर्मवीर....

कर्मवीर बन कर आज सोये हुवे जन मानस को सत्य की पहचान कराना होगा...

कर्म वीर.....
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जिसको जो कहना है कहे...
तूँ अपना कर्म निभाता चल !
जिससे देश गौरवान्वित हो..
तूँ देश धर्म  निभाता  चल!!
          
तूँ कर्म वीर, कर्म निभाता चल!!  

अंतर के भावों को अपने ..
रोक नही संसय में पड़ के !
हुँकार भरो जन मानस में..
सोई तरुणाई, जगाता चल!!
                 
तूँ कर्म वीर, कर्म  निभाता चल!!

    जितना दिल में ज्वार उठेगा..
    उतना  ही   विश्वास  जगेगा !
सत्य अटल है राजनीति को बतलादो..
हथियार सत्य का लेकर चलता चल!!

तूं  कर्म वीर, कर्म निभाता चल !
                      
जो रहते हैं आलीशान महल में ..
देश की मिट्टी की पीड़ा क्या जाने!
तूफानों में भी पंख खोल दे अपने..
राजतंत्र  की  माया रौंदता चल!!

तूँ  कर्म वीर ,कर्म निभाता चल!

     तूं  तम  में भी प्रकाश बन कर..
     घर - घर  ज्योति जलता चल !
     अजेय बन, देकर अपनी कुर्बानी..
     तूं माँ का मस्तक ऊँचा करता चल!!

        तूँ कर्म वीर ,कर्म निभाता  चल !!
          
               
    
                              🌷उर्मिला सिंह
              

              

Thursday 3 January 2019

नूतन वर्ष के आगमन पर कुछ भाव बिखेरें हैं......

लो आगया नव वर्ष.....
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नई  उम्मीदों को लिए,मुस्कुराता लो आगया नव वर्ष
अतीत की यादें समेटे,करो स्वागत लो आगया नव वर्ष!

बीते वर्ष की खट्टी मीठी गलियों से गुजरें हैं हम सब
कल से बेहतर बनाने आज को लो आगया नव वर्ष!!

दिलों में प्रेम का संगम अपनेपन की धारा बहाने
कलियों पर गुनगुनाने का मौसम ले आगया नव वर्ष

बीती बातों को भुला नवीन सपनों का हौसला लिये
मंजिल पर पहुचने का दिखाता लो आगया नव वर्ष

न हिन्दू,न मुस्लिम सिर्फ  मानवता  धर्म हो सबका
सौहार्द्य की भावना लिये लो आगया नव वर्ष!!

नये तराने नई आशायें  नव उमंगे मचलने लगी है
मुबारक आप को नव प्रभात लो आगया नव वर्ष

                                            🌷उर्मिला सिंह