Sunday 24 October 2021

अदालत अन्तरात्मा की......

   मंगलमय सुप्रभात🙏🏻🙏🏻
     🌼🌼🌼🌼🌼

कभी अन्तरात्मा की अदालत में जाया करिए,
स्वयम को पहचानने में भूल हो न जाए,
हदय को  भी  जरा  खंगाला करिए,
ह्रदय दर्पण है आपकेव्यक्तित्व का... 
इसे भी संवारा  संवारा करिए।।
       💐💐💐💐💐
            उर्मिला सिंह

Friday 22 October 2021

संवाद-सत्य -झूठ का....

कुछ मन की बातें--सत्य--झूठ की ....
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मैं झूठ हूँ .....
मैं  कीमत मांगता नही छीनता हूँ......
अपनी चालाकी फरेबी हरकतों से...
 मालामाल करता हूँ.......
 मैं सरल हूँ यारों का यार  झूठ हूँ......
 
मैं सत्य हूँ.....
 
दोस्त!मैं सत्य हूँ
 मेरे साथ चलो .....
 तुम्हे कीमत चुकानी पड़ेगी
 राहों में कांटे ही काटें मिलेंगे
 पर सुकून की जिन्दगी मिलेगी
 मैं तुम्हारा सच्चा मित्र हूँ।।

झूठ...

सुकून से पेट भरता नही 
हमारी चाहत में  शामिल नही
 सिर्फ रोटी का एक टुकड़ा....
 हमारी चाह पूरे विश्व को.
है अपनी मुट्ठी में करना ......
 
सत्य....
सत्य के पुजारी के आगे
राम रहीम या हो ईसामसीह
सभी  मस्तक झुकाते हैं
क्यों कि सत्य ही....
अल्ला ,ईश्वर ,ईसामसीह है
झूठ वह बदबू हो  तुम
देवता भी तुमसे दूर हो जातें हैं।।
     💐💐💐💐💐
            उर्मिला सिंह

Monday 18 October 2021

प्रार्थना का मूल रूप.....

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प्रार्थना जितनी गहरी होगी 
उतनी  ही  निःशब्द होगी
कहना चाहोगे बहुत कुछ 
कह ना पाओगे कभी कुछ।

विह्वल मन होठों को सी देंगे
अश्रु आंखों के सब कह देंगे
संवाद नही मौन चाहिए .....
 प्रभु मौन की भाषा समझ लेंगे।।
      💐💐💐💐💐
                        उर्मिला सिंह

        
       
    
          
 



  
  
 
 
 


 
 
 

Sunday 17 October 2021

भाओं का गुलदस्ता....

मन के भाव...पन्ने लेखनी के
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बिगड़ रही रीति जगत की
खोया सम्मान ढूढ रही नारी 
अन्तर्मन है प्रभु  की नगरी 
 हाथों में उसके सबकी डोरी।।
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 राजनीति अब चौसर बनी 
  नेता सारे बने खिलाड़ी
 चुनाव युद्ध का बिगुल बजा
 छल प्रपंच घोड़ाऔरसिपाही
 शकुनी दुर्योधन,बने खिलाड़ी
 ऊपर बैठे मुस्काते  गिरधारी।।
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 उसूल याद नही जिनको 
 कहते हैं अपने को गांधी
 कैसे नेता माने देश उनको 
 बातें करते जो पाकिस्तानी।।
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हत्याओं के दौर चल पड़ा
हर दल, दल दल में पड़ा
मानवता का होरहा शोषण
होगा कैसे गरीबों का पोषण।
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हर सांस देश के लिए जिए
समर्पित सांसे अपनी करगए 
चाहत नही नाम अरु कुर्सी  की 
राष्ट्रभक्त थे वो अमर होगए।।

      उर्मिला सिंह

Sunday 10 October 2021

नव दुर्गा नव रूप है रूप अभिन्न

विश्व वन्दिता सर्व पूजिता तेरी जय जय कार हो 
ब्रम्ह रूपणी सर्व मंगला भवानी जय जय कार हो
तेरे नव रूप को मईया जन जन वन्दन करता ....
हाथ खड्ग शेर सवारी दुर्गा तेरीजय जय कार हो।

विश्व वन्दिता तेरी जय जय कार हो.....

देवों की करुण पुकार सुन नौ रूप धरे तुमने
दुष्टों से मुक्ति दिलाने की ठान लिया मां तुमने
वाहन अलग अलग हैं शस्त्र तुम्हारे भिन्न भिन्न
नव दुर्गा हो मां तुम ,रूप तुम्हारा है अभिन्न।।

विश्व वन्दिता तेरी जय जय कार हो....

माता जड़ चेतन के प्रत्येक अंकुरण में तुम हो
पैचासिक वृत्तियों का करती हरण तुम हो
तेरी आराधना से मन गंगाजल से पावन होता
अभिमान मुक्त मानव मोक्ष प्राप्त हो जाता।।

विश्व वन्दिता तेरी जय जय कार हो...

हर दिन नव रूप तुम्हारा नया सन्देसा देता 
अष्टम रूप  तुम्हारा मां महा गौरी का होता
नवम रूप सिद्धिदात्री बन मोक्षदायिनी होती
तेरी महिमा से मां सकल जगत सुख पाता....।।

विश्व वन्दिता माता तेरी जय जय कार हो....

          उर्मिला सिंह