Thursday 26 July 2018

भोजपुरी संगीत आजकल लुप्त होरहा है अतएव उत्तर भारत की प्रसिद्धि कजरी लिखने का एक प्रयास है

बटिया तकत बीते दिन अरु रतिया.... घर आजा सावंरिया,
टिप टिप बरसे बुंदिया निगोड़ी अंखियन से बरसे अंसुवन क धरिया ...
घर आजा सावंरिया...... काली बदरिया....खनके है चूड़ियाँ .... देवरा करे ला ठिठोलिया,
डर मोहे लागे ,बदरा डरावे ... रतिया में चम चम,चमके बिजुरिया.....
घर आजा सांवरिया......
सोलहो शृंगार मोरे मनवा न भावे... धानी चुनर मोरा जियरा दुखावे..
.बैरन भइ सावन की बुंदिया ..... कासे कहूँ हियावा के पीरिया
.घर आजा सांवरिया....
सावन न भावे, भादो न भावे... भावे न कोई त्यौहरवा.....
सखियाँ न भावें , झूला न भावे .. .. बैरन भई मोरी पांव की पैजनिया.....
घर आजा साँवरिया.....
                               🌷उर्मिला सिंह

Wednesday 18 July 2018

जुगनुओं ने चुनौती दी सूर्य को....

आज फिर जुगनुओं ने चुनौती दी सूर्य को! आज फिर अभिमन्यु घिरा कायरों से युद्ध में! आज फिर सत्य हारता ,झूठ सिरमौर हुवा! धर्म सिर झुकाता ,अधर्म सीना तान के चला! आज फिर कलियाँ सिसकती ईमान है बिकता ! हो गर शक्ति के विद्युत कण अग्नि पथ चलो! लक्ष्य दूर है पर मजबूर नही आगे बढो! तिथियां जैसे बदलती ,अंधेरी रात कट जाएगी! लिखेगा इतहास कहानी फिर इस धरा पर! उदय होगा सूर्य प्राची में रश्मियाँ खिलखिलायेंगी!! फिर बजेगा सत्य का डंका जहरीले साँप भष्म होंगे! फिज़ाओं में होगी हवा प्यार की, नफरते बेदम होंगी! सत्य के पाल की नोका तूफ़ानो के पार होगी!आवाज कर्म की होगी बुलन्द,हौसलों की जीत होगी खीचेगा चाँद आसमाँ पर फिर लकीरें जीत की तेरी! चाँदनी गुनगुनायेगी विजय गीत ,रहनुमाई में तेरी!! #उर्मिल

Tuesday 17 July 2018

यादों की घटा...


आज यादों की घटा दिल पे छाई है!
नैनो की बारिष भी भिगोने आई है!!

भूल जाओ हमे,ये हक तुम्हे दिया हमने!
मेरी बात और है रूह से इश्क किया हमने!!

सूखे फूलों की महक आज भी ताजी है!
दिल के पन्नों पर तेरी यादों की लाली है!!

आज फिर मुकम्मल चाँद नज़र आया है!
आज आँखो में अक्स तेरा उभर आया है!!

दिल जीतने की कला में माहिर तो न थे!
वादा निभाने का हुनर इश्क ने सिखाया है!!

Tuesday 10 July 2018

खामोशियाँ.

नये जमाने की हवा देख कर मन सोचता है...
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जमाना बदल गया या हवा का रुख बदल गया
लगता है यूँ जैसे हर शख्स का चेहरा बदल गया
मान अभिमान की खाईंया गहरी होती जा रही
आज हर शख़्स के आँखो का पानी मर गया!!
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                                         #उर्मिल

Saturday 7 July 2018

एक आहट.

आजकल धीरे धीरे एक आहट सुनाई दे रही....   

प्रेम लुप्त हो रहा,क्रूरता नजदीकियाँ बढ़ा रहीं
आजकल धीरे धीरे एक आहट सुनाई  दे  रही
ऐसा  फैला जाल उजली आत्मा कलुषित हो रही
इंसानी व्यक्तित्व पर साँसे उसकी महसूस हो रहीं सौहार्द हो रहा विलुप्त   क्रूरता जड़ जमा रही

आजकल धीरे धीरे एक आहट सुनाई  दे रही....

क्रोध,ईर्ष्या,द्वेष,व्यभिचार आक्रामक हो रहे
क्षमा शील ह्रदय आज सूखी नदिया हो गये
क्रूरता, श्रेष्ठता की मसाल ले आगे बढ़ती जा रही
प्रेम का आभाव  इंसानी जीवन श्रीहीन बना रही

आज कल धीरे धीरे एक आहट सुनाई दे रही....

मानव रोक लों अभी भी क्रूरता के मनहूस सायें  को
मन को छलनी करेगी ये , लील जाएगी मानवता को
धीरे धीरे मानव आदी हो जाएगा इस कुकृत्य का
खून की नदियाँ  बहेगीं  नृत्य  होगा व्यभिचार का
आत्मा न  आहत   होगी ,  आँसूँ  न  आहें  भरेगी

आज कल धीरे धीरे एक आहट सुनाई दे रही.....

दया धर्म करुणा का नामो निशान मिट जाएगा
बहती करूणा  की  नदी आंखों में सूख जाएगी
मछेरे जाल फैलाएं गे  मछलियाँ  तड़ फड़ाएं गीं
होगा हथियारों का बोल बाला सहमी हर कली होगी
इस  विकराल  दानव  से  इंसानियत  बच  न पाएगी

आज कल धीरे धीरे एक आहट सुनाई दे रही......!!

                                                  # उर्मिल











खामोशियाँ...

सोचती हूँ कभी कभी ख़ामोशियों को जुबान दूँ!
अल्फाजों का हार पहना उसे दिल में उतार दूँ!
उसे भी बोलने का हक है मिला जिन्दगी में!
आज उसे भी उसके हक से रूबरू करा दूँ!!

                            #उर्मिल

हौसला जरूरी है.....

अहम से दूर  हौसला बनाये रखना
क्षमा का भाव दिल में बसाये रखना

नफ़रतों का अंकुर फूटने न पाये  कभी
जमीं पर प्रेम की पौध लहलहाए रखना
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                            #उर्मिल