Wednesday 30 October 2024

आज कुछ ऐसे दीप जलाएं

     

चलो दीपावली ऐसी मनाएं 

तिमिर आच्छादित न हो....

अंतर्मन को पावन कर.....

 नेह की लौ तेज कर लें

जगमग जीवन हो  जाए।।.

चलो आज ऐसा दीपक जलाएं।।

तमस सत्य पर आवरित न हो

 प्रीत की बाती विश्वास का तेल हो

 किसी से क्षमा मांग ले .....

 किसी को क्षमा कर दें...

 होठों पर मुस्कानों की ....

 लौ तेज कर लें....

 चलो आज ऐसा दीपक जलाएं।।

 नेह से रीते घड़े में

 ज्योति पुंज जगमगाए

 धरती अम्बर भी मुस्कुराएं

  उत्साह की लहरे उठे...

  प्रत्येक मन में....

  खुशियों के पौध लहराए

चलो आज ऐसा दीपक जलाएं...।।

         🌷 उर्मिल 🌷

      🍁🍁🍁🍁🍁🍁

  

 

Thursday 24 October 2024

जीवन का यथार्थ

जीवन का यथार्थ.....

🍁🍁🍁🍁🍁

शाम का समय.....

ढलते सूरज की लालिमा....

आहिस्ता- आहिस्ता......

समुन्द्र के आगोश में.....

विलीन होने लगा......

देखते -देखते.....

अदृश्य होगया........

जिन्दगी भी कुछ ऐसी ही है.......

मृत्युं के आगोश में लुप्त होती ....

इंसान के वश में नही रोक पाना.....

लाचार ....बिचारा सा......इंसान

फिर भी गर्व की झाड़ियों में अटकता.....

अहम के मैले वस्त्रों  में

सत्य असत्य के झूले में झूलता....

जीवन की अनमोल घड़ियां गवांता......

जीवन की उलझनों में उलझा

सुलझाने की कोशिश में 

पाप पुण्य की परिधि की...

जंजीरों में जकड़ा

निरंतर प्रयत्नशील

अंत समय पछताता हाथ मलता.......

कर्मों का बोझ सर पर लिए अनन्त में.....

विलीन हो जाता......

जीवन का यथार्थ यही है.....शायद

जो हम समझ नही पाते हैं.......


  🌷उर्मिला सिंह