Wednesday, 8 August 2018

एक संदेश ----हिन्द के सपूतों के नाम !!

एक संदेश---हिन्द के सपूूतों के नाम !!
हाथ में मशाल हो..... ह्रदय में धधकती आग हो
अधरों पे मां भारती की जयकार हो ..........। रुको नहीं झुको नहीं , देश पे कुर्बान हो .....।

सामने तूफ़ान हो , पर ग़म नहीं ।
राह दुर्गम हो ,पर भटको नहीं ..... ....।
पत्थरों को तोड़ , राह तुम बना लो ,
रुको नहीं झुको नहीं , देश पे कुर्बान हो ......।

राना प्रताप के शौर्य की तुम मिशाल बनो ,
झाँसी की रानी के तलवार जैसी धार बनो , आज़ाद , भगत सिंह जैसे देश भक्त बनो,
रुको नहीं झुको नहीं , देश पे कुर्बान हो ......।

सोये देश वासियों में शेर की हुंकार भरदो ,
देश के गद्दारों को मौत का फरमान दो ।
छिपे विभिषडो को देश से निष्कासित करो । रुको नहीं झुको नहीं , देश पे कुर्बान ह.......।

शेर हो , गीदड़ भभकियों से डरो नहीं ।
शत्रु रक्त प्यासी माँ भारती को अरि मुण्ड दो । शहीदों की कुर्बानियों का क़र्ज़ तुम उतार दो । रुको नहीं झुको नहीं , देश पे कुर्बान हो .......।

करो ऐसा शंखनाद ,निकल पड़े बूढ़े बच्चे नौजवान ,
सर पर कफ़न बांध,दुश्मनो के हौसले पस्त करो टूट पड़ो महाकाल बन ,आज तुम हिन्द के सपूतों!
रुको नहीं झुको नहीं , देश पे कुर्बान हो ...........।
                 जय हिंद !!!
                                        🌷उर्मिला सिंह

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