Tuesday 11 September 2018

यादों की बदली

यादों की बदली
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आज यादों की घटा दिल पे छाई है!
   नैनो की बारिष भी भिगोने आई है!!

भूल जाओ  हमे,ये हक तुम्हे दिया हमने!
मेरी बात और है रूह से इश्क किया हमने!!

आज फिर मुकम्मल चाँद नज़र आया है!
आज आँखो में अक्स तेरा उभर आया है!!

दिल जीतने की कला में माहिर तो न थे!
वादा निभाने का हुनर इश्क ने सिखाया है!!
               🌹🌹🌹🌹
                                🌷उर्मिला सिंह



2 comments:

  1. भूल जाओ हमे,ये हक तुम्हे दिया हमने!
    मेरी बात और है रूह से इश्क किया हमने!!
    वाह!!!!!!!! आदरणीय उर्मिला जी -- मन को छुते भाव हैं रचना के | हर शेर बढिया है | सादर

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