Saturday, 27 April 2019

तन्हाईयाँ....

जब से तन्हाइयों में जीने का सलीका आगया ,
तब से खुद को पहचानने का तरीका आगया!!

खामोश लबों की भी अपनी कहानी होती है
जिन्दगी जीने कि येअदा भी निराली होती है!

                🌷उर्मिला सिंह

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