हे कोविड महाराज,
बिन बुलाए मेहमान
अब तो करो प्रस्थान
दाना पानी सब चुक गया
बेबस हुआ अब इन्सान ।
कितनी ख़ातिर किया तुम्हारी
कितने इंजेक्शन लगवाए
विदेशों में भी सरकार ने
तेरे खातिर इंजेक्सन भिजवाए
पर विपक्षी दलों को
बसुदेव कुटुम्बकम भाव नही भाए।
मास्क, दूरी , हाथ धो- धो कर
जीना हो गया अब तो दूभर
हाथ जोड़ विनती करू तेरी
अब तो पिंड छोड़ो हम सबकी
क्या इतने आदर से भी
तेरी प्यास नही बुझती !
भाई - बन्धु , नाती -पोते
फंगस -उजला,काला, लाल, पीला
बुला रहे बेशर्मी से सबको
वंशवाद को बढ़ावा देते हो -
अब तो निर्मम बख्स दे हम सब को ।
पर ये याद सदा रखना
देवों की यह धरणी है
विनाश तेरा निश्चित है
गर्दन मरोड़ , चिकित्सक
सही जगह तुझको पहुँचाये गा
कितना भी हांथ पांव मारेगा
वक्षस्थल चीर , खून तेरा पीने
एक बार फिर नरसिंह अवतार आएगा ।।
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.....उर्मिला सिंह
वाह, बस यही आस्था बानी रहे । इस महामारी का नाश भी संभव हो जाएगा ।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद संगीता स्वरूप जी।
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