राघव नाम की महिमा,गाओ सुबहो शाम,
हरि कृपा तुझे मिलेगी,कष्ट हरेंगे राम।।
प्रभुनाम ताबीज है ,ह्रदय बांधलो गाँठ,
पतझड़ बसन्त वही हैं,याद रहे ये पाठ।।
तेरा मेरा कुछ नही, जीवन है उपहार
इंसानियत ह्रदय बसे,रखना यही विचार।।
सुख दुख में सम रहे,हिय में रहें न 'मैं' भाव
सद्गुणों को उन्नत करो,मन में रख सद्भाव।।
प्रेम प्रीत की चादरी,ओढ़े जब इंसान
राग द्वेष सब भूल गये उपजा हिय में ज्ञान।।
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उर्मिला सिंह
दिग्विजय जी आपका बहुत बहुत आभार,हमारी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए।
ReplyDeleteतेरा मेरा कुछ नही, जीवन है उपहार
ReplyDeleteइंसानियत ह्रदय बसे,रखना यही विचार।।---बहुत अच्छी रचना।
संदीप कुमार जी शुक्रिया आपका।
Deleteराम की महिमा अपरंपार । 🙏🙏🙏
ReplyDeleteसंगीता स्वरूप (गीत) जी हार्दिक धन्यवाद आपको।
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteओंकार जी हार्दिक आभार।
Deleteशिवम कुमार पांडेय जी बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteशिवम कुमार पांडये जी बहुत बहुत धन्यवाद।
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