ज़ख्म से जब जख्म की आंखे मिली
दिल के टुकड़े हुवे जख्म मुस्कुराए.....।
जख्म ने हंस कर जख्म से पूछा.....
कहो कैसे गुजरे दिन अश्कों के समंदर में...।
अतीत के अंचल के साए में रात गुजरी
दिन की न पूछ यार मेरे की कैसे गुजरी।।
उर्मिला सिंह
अतीत के अंचल के साए में रात गुजरीदिन की न पूछ यार मेरे की कैसे गुजरी।मरहब्बाआभारसादर
वाह
धन्यवाद मान्यवर
बेहतरीन
धन्यवाद हरीश जी
अतीत के अंचल के साए में रात गुजरी
ReplyDeleteदिन की न पूछ यार मेरे की कैसे गुजरी।
मरहब्बा
आभार
सादर
वाह
ReplyDeleteधन्यवाद मान्यवर
Deleteबेहतरीन
ReplyDeleteधन्यवाद हरीश जी
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