Monday, 8 January 2024

जिन्दगी ....आसूं.....हंसी

जिन्दगी की परिभाषा....बस यूं ही

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नित नए अनुभवों से गुजरती है

नयन  नीर से सींचत करती है

हृदयांकुरों को प्लवित पुष्पित करती 

बस स्वयं से ही नही मिल पाती है।

ये कैसी दुनिया में सांसे लेती है  जिन्दगी 

तूं सभी की है पर तेरा कोई नही है।।


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आसूंओं की कहानी .....

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होठों पर हसीं आंखों में पानी....

बस इतनी सी है तेरी जिंदगानी

खुशियों से भरी निकलती हैं जब तूं....

 दुनिया सारी हंसती है.......

 गम के अंधेरे में छुपाती है

 बहलाती है,समझाती है स्वयं को...

 झरते हैं  तब ,ये जब सारी दुनिया सोती है.....

 तेरी कद्र करे कोई......

 ऐसी कोई हस्ती ,दुनिया में नही मिलती।।

 

  

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हंसी .....

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 तूं भी क्या कमाल करती है

 कितने गुणों को स्वयं में समेटे है

 कभी बच्चों से खिलखिलाती

 कभी फीकी मुस्कुराहट से 

दिल के हाल बताती.....

कभी दोस्तों के साथ ठहाको में मस्ती

कभी आंसुओं से आंचल भिगोती

 अनेक रूपों के लहरों में बहती

हर हाल तूं सभी का साथ देती

 जिन्दगी की कद्र तो सच कहूं....

बस एक तूं ही तो करती... बस तूं ही तो करती है।।

                🌷उर्मिला सिंह 🌷




4 comments:

  1. विश्व हिंदी दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं

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    1. हार्दिक धन्यवाद यशोदा जी

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  2. होठों पर हसीं आंखों में पानी....

    बस इतनी सी है तेरी जिंदगानी
    बहुत सुंदर भावपूर्ण सृजन ।
    वाह!!!

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