Tuesday, 25 February 2025

बिखरी जिंदगी..


  

बिखरी जिंदगी......

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दिल टूटता गया 

 हम बिखरते गए

सम्हलने की कोशिश में

हर बार  शिकस्त खाते गए

 लहूलुहान कदम

चलते रहे दर्द चुभते रहे

   अधर मुस्कुराते रहे

तन्हाइयों से अश्क ...

गुफ्तगू करते.....

 बिखरी जिंदगी को ....

समेटने की कोशिश

 फिर वहीं....

उदासी के लिबास में 

 लिपटी मेरी मुस्कान

न शिकवा न शिकायत

 मेरी बिखरी जिन्दगी  को

 हौसला देते, बस हौसला देते

 हम खामोश,निर्विकार

      🌷उर्मिला सिंह🌷

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