जिन्दगी की सिलवटे मौत के साथ जाती नही,
जिस्म चला जाता है यादों के निशा जाते नहीं!!
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बागवाँ सींचता रहा पौध उम्र भर,
फूल तो खिले, पर उसे देख मुस्कुराते नही!!
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जिस्म वक्त की चाकी में उम्र भर पिसता रहा
एक रूह है, जो जलाने पर भी जलती नही !!
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गमों से पर्दा क्या उठाया अश्क छलक आए,
सुलगती रूह ,गम को बयाँ करती नही!!
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.. उर्मिल🌹
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