Tuesday 17 July 2018

यादों की घटा...


आज यादों की घटा दिल पे छाई है!
नैनो की बारिष भी भिगोने आई है!!

भूल जाओ हमे,ये हक तुम्हे दिया हमने!
मेरी बात और है रूह से इश्क किया हमने!!

सूखे फूलों की महक आज भी ताजी है!
दिल के पन्नों पर तेरी यादों की लाली है!!

आज फिर मुकम्मल चाँद नज़र आया है!
आज आँखो में अक्स तेरा उभर आया है!!

दिल जीतने की कला में माहिर तो न थे!
वादा निभाने का हुनर इश्क ने सिखाया है!!

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