बेटियां अभिमान होती है स्वाभिमान होती हैं हर घर के संस्कारों की जान होती हैं ।
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भगवान का दिया अनुपम वरदान होती है बेटियाँ
घर आँगन में खुशबू फैलाती गुलाब होती हैं बेटियाँ!!
महकती चहकती हँसती हँसाती हैं बेटियां
पायल की रुनझुन सी गुनगुनाती हैं बेटियां
माँ बाप के हर सांस में बसती हैं बेटियां
प्यार से दो घरों को आबाद करती हैं बेटियां!!
जिम्दारियों के तहत स्वयम को कुर्बान करती हैं
छुपा कर अश्क,दर्द से समझौता करती हैं बेटियाँ!!
जख्मों को दफ़्न कर मुस्कुराने की कला में माहिर होती
अपरमित शौर्य सहन शक्ति की मिसाल होती हैं बेटियाँ!!
अधरों पर मुस्कान आखों में ख्वाब सजाये पी घर जाती
अजनबी चेहरे अजनबी लोगों से प्यार मांगती हैं बेटियाँ
गृहणी बन सजाती संवारती स्वर्ग बनाने की चाह रखती
फिर भी संस्कार विहीन घरों में गाली खाती हैं बेटियाँ !!
जमाना बदला पर आज भी ठोकरें खाती हैं बेटियाँ
मानसिक यंत्रणा समाजिक कुरीतियों को सहती हैं बेटियाँ।!
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🌷उर्मिला सिंह
प्रभावशाली रचना
ReplyDeleteबेहतरीन रचना दी
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद विजय कुमार जी
ReplyDeleteआभार प्रिय अनुराधा बहन
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