कलम का दिल शब्दों में धडकता है
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कलम जो कभी थकती नही.......
सच की स्याही में डूब कर
तख्त ताजों से निडर होकर
शब्द बेबाक बयां करती है
कलम अन्याय के विरुद्ध होती है!!
कलम जो कभी थकती नही.........!!
कलम सच पर पैनी नजऱ रखती है
कलम गुणगान करती है
कलम एहतराम करती है
कलम रुसवा भी होती है
कलम समाज को आईना दिखाती है!!
कलम जो कभी थकती नही.........
कभी वाहवाही कभी रुसवाईयाँ झेलती
कलम कभी झुकती नही
कलम कभी रुकती नही
कलम तेवर बिंदास रखती है
कलम बेपरवाह निरन्तर गति शील रहती है !!
कलम जो कभी थकती नही.........!
कलम न्याय करती ,जुल्म का विरुद्ध लड़ती है
होती देश द्रोहियों की है दुश्मन
तो करती देश भक्तों को है नमन
कलम सच्चाई की बुलन्द आवाज करती है
कलम राष्ट्र प्रेमियों की जय जय कर करती है!!
कलम जो कभी थकती नही......
कलम जो कभी रुकती नही..........!!
🌷उर्मिला सिंह
वाह बहुत ही बेहतरीन रचना प्रिय दी
ReplyDeleteशुक्रिया अनुराधा जी
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ReplyDeleteजी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना 5 जून 2019 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
हार्दिक धन्यवाद आपको पम्मी जी पांच लिंको का आनन्द पर मेरी रचना को शामिल करने के लिये।
ReplyDeleteसही है, कलम कभी थकती नहीं, झुकती नहीं।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति दी कलम कभी लिखती है कभी हथियार बनती है।
ReplyDeleteअप्रतिम ।
कलम से कलम की ही बेहतरीन गाथा लिख दी आपने ,बहुत सुंदर रचना ,सादर नमस्कार
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