Monday, 10 February 2020

ऐ वतन वालों.....

ऐ वतन वालो!हर बात पे नफ़रत की मत तलवारनिकालो
अपनी ज़मींअपनी मिट्टी,मतइसमेंमज़हबीदीवारनिकालो! 

शहीदों ने मिटा कर जिन्दगी अपनी,लिखीखूनसेआजादी 
अरे नादां, वतन पे गंदे सियासी रंग की मत नजर डालो! 

 उस जुबां को रोक दो जिससे गद्दारी की आवाज आए 
सच्चे भारतीय को गले लगा,घर से छुपे गद्दार निकालो!! 
 
 बहुत हुआ आपसी मन्दिर मस्जिद के झगडे भाईयों 
 नेताओं के छल मे फँसी इंसानियत की जागीर निकालो!! 

सियासी चाल से बर्बाद  हो न जाये ये गुलिस्ता हमारा 
अब तो सड़े गले कानूनो के भंगार निकालो!! 

चहुंओर फैलती विष ज्वाला संस्कारों की जल रहीं होलिका 
शपथ लो आज राष्ट्र हित में छुपे हड्डियों से अंगार निकालो!! 
                  *****0*****0*****

              .             उर्मिला सिंह 


  
  








 

 




 

5 comments:

  1. पम्मी जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्य वाद

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  2. उस जुबां को रोक दो जिससे गद्दारी की आवाज आए
    सच्चे भारतीय को गले लगा,घर से छुपे गद्दार निकालो!!
    वाह!!!!
    लाजवाब सृजन।

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  3. आह्वान करती सटीक प्रस्तुति दी ।
    बहुत सुंदर।

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