Saturday, 28 March 2020

हम होंगे कामयाब एक दिन

बड़ी बड़ी चुनौतियों से गुज़रा है भारत देश, ये मुसीबत का दौर भी गुजर जायेगा... 

माना कि बेमौसम पतझड़ की बरसात हो रही है, एक दिन इसमें भी फूल खिल जायेगा! 

न हो उदास साथियों ये रात भी ढल जाएगी आश की किरणों से उजास हो जाएगा.... 

वक्त कब एक सा रहा है, भला सोचों ज़रा वक्त को भी. कर्मों से अपने इन्सान हरा जाएगा!! 

देश गुलजार होगा, हंसेगा नयन काजल, बजेगी पांव की पायल..... 
'माता की स्नेह वर्षा,तन मन आल्हादित कर जाएगा ! 

हिम्मत  देंगी  हमें  "माँ दुर्गा" , आस्था विश्वास राहें दिखाएंगी... 
इस विषम घड़ी से भी हम , एक दिन निकल जाएंगे!! 

 न हो उदास साथियों...... 
                   ******0******
                                                   उर्मिला सिंह 



13 comments:

  1. सही कहा भारत इस वक्त बहुत ही मुसीबत दौर से गुजर रहा है लेकिन भारत इस मुसीबत दौड़ से बिल्कुल निकल जाएगा बहुत ही सुंदर

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    1. हार्दिक धन्य वाद Sawai Singh ji

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  2. बहुत सुंदर और सार्थक सृजन दीदी

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    1. स्नेहिल धन्य वाद अनुराधा जी

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  3. आपका हार्दिक आभार मेरी रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए! शुभरात्रि

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  4. वाह!उर्मिला जी ,बेहतरीन सृजन । जी ,जरूर निकलेगा हमारा देश इस मुसीबत से ।

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    1. शुभा जी हार्दिक धन्यवाद.

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  5. सुंदर प्रस्तुति

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    1. हार्दिक धन्य वाद ओंकार जी

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  6. बहुत सुंदर आशावादी सृजन दी मन के संशय को राहत देती सार्थक रचना।

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    1. स्नेहिल धन्य वाद प्रिय कुसुम

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  7. हिम्मत देंगी हमें "माँ दुर्गा" , आस्था विश्वास राहें दिखाएंगी...
    इस विषम घड़ी से भी हम , एक दिन निकल जाएंगे!!

    बिलकुल ,बहुत सुंदर सृजन ,सादर नमन आपको

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