अलविदा 2024…
कुछ शिकायतें ,
कुछ प्यार भरी बातें,
कुछ सर्द कुछ गर्म,
कुछ खट्टा कुछ मीठा,
इंद्रधनुषी रगों में रंगे...
जीवन के अनेक सपने!
कुछ की याद आते ही
छा जाते मायूसियों के साए ...
कभी मुस्कानों की चहल कदमी,
कभी ठहाकों की सर्द रातें...
बहुत याद आओगे
वर्ष 2024 !
कुछ कड़वी यादें ,
आंखों से मूसलाधार बरसाते,
कुछ नोक-झोंक,
कुछ दर्द की बिसाते,
यादों की गुल्लक से
छलकते पैमाने ...
वक्त के आगोश से-
बिखरी कई यादें!
घड़ी की टिक-टिक
बिदा के पल..
नजदीक आगया
अल बिदा-अल बिदा जाते हुए2024 के दिसम्बर !!
....उर्मिला सिंह
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