Friday, 2 August 2019

विचार....स्वयम के अच्छे हो तो फूल बन जातें हैं, यही गर अभिमान से युक्त हो तो शूल बन जाते है

स्वयम की अनुभूति से निकल हुआ छोटा से छोटा विचार एक बीज बन कर फूुलों की क्यारी तैयार कर देता है और फिर धीरे - धीरे उपवन  बन फूलने फलने लगता है ....
इस छोटे से बीज की क्षमता पर विचारकीजिये ........
ऐसा क्यों होता है ...! क्यों की
उसमे आपके प्राणों का स्पन्दन ह्रदय की धङकन शामिल है। उन विचारों में हमारा अपना रक्त हमारी अपनी सासें बहती हैं.......।
इसलिये मानव जीवन सार्थक बनाइये ..............
अच्छी सोच , अच्छे विचारों का गुलदस्ता समाज, घर परिवार को भेट स्वरूप दीजिए...।
स्वयम महकिये और दूसरों को महकाइये  !!

                         
                             🌷उर्मिला सिंह
                   
                   

3 comments:

  1. सार्थक जीवंत विचार ...
    बहुत सुन्दर ...

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  2. हार्दिक धन्यवाद मान्यवर

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  3. वाह सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति

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