Saturday, 20 February 2021

दुनिया की रीति यही है.....

ये दुनियाँ एक झमेला है
लगा यहां झूठों का मेला है
मत उदास हो ऐ मेरे मन
इस अज़ब दुनियाँ में .....
जो सच्चा है वही अकेला है।।

         उर्मिला सिंह

7 comments:

  1. हार्दिक धन्यवाद डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी।

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  2. वाह !!!!!!
    जो सच्चा है वाही अकेला है | बहुत खूब उर्मि दीदी | छद्म लोग तो चातिकारों का जमावड़ा रखते हैं अपने आसपास |

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  3. आभार प्रिय रेणू ।

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