Tuesday 4 May 2021

बीते हुवे लम्हों.......

बीते हुए लम्हो जरा लौट के आजाना
अधरों की खोई मुस्कान लिए आजाना।।

खुशियों से भरी महफिल 
हंसते दिन  हँसती राते 
शामों की रंगीन झलक दिखला जाना
बीते हुवे लमहों ज़रा लौट के आजाना।।

माना गम की धूप है छाई.....
जीवन में रिक्तता भर आई
अम्बर से आशाओं की बारिष कर जाना
बीते हुवे लम्हो जीवन रंगीन बना जाना।।

धीरज की बाती से दीप जला
होगा फिर सूरज का उजाला
खिलती कलियां भौरें की गुन-गुन देजाना
बीते हुवे लम्हों ज़रा लौट के आजाना

फिर त्योहारों की धूम मचे
फिर खुशियों की रंगोली सजे 
घण्ट,शंख की पावन ध्वनि सुना जाना
बीते हुवे लम्हे ज़रा लौट के आजाना।।
बीते हुए लम्हे ज़रा लौटा के आजाना।।
      💐******💐*******💐
            उर्मिला सिंह
















12 comments:

  1. फिर त्योहारों की धूम मचे
    फिर खुशियों की रंगोली सजे
    घण्ट,शंख की पावन ध्वनि सुना जाना
    बीते हुवे लम्हे ज़रा लौट के आजाना।।
    उम्मीद है जल्दी ही यह शुभ दिन लौट आएंगे। बहुत सुंदर और सार्थक सृजन आदरणीया दी👌👌

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    1. हार्दिक धन्यवाद प्रिय बहन।

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  2. उम्मीद भरी सुंदर रचना। आपकी कामनाओं का संसार पुनः खिल उठे।।।।।।

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    1. हार्दिक धन्यवाद उत्साह वर्धन के लिए।

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  3. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आलोक सिन्हा जी।

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  4. धीरज की बाती से दीप जला
    होगा फिर सूरज का उजाला
    खिलती कलियां भौरें की गुन-गुन देजाना
    बीते हुवे लम्हों ज़रा लौट के आजाना
    ...सकारात्मक संदेश देती सुंदर रचना..आपको सादर शुभकामनाएँ।

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    1. धन्यवाद प्रिय जिज्ञासा सिंह जी।

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  5. हमारी रचना को लिंक चर्चा में शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद।

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  6. सुंदर प्रार्थना

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  7. प्रार्थना का बल पाकर फिर से जीवन सहज हो जाए.
    मीठी-सी अरदास.

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  8. बहुत सुन्दर एवं हृदय स्पर्शी रचना। उम्मीद रखना है कि सब जल्दी ठीक हो जाएगा।

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