Saturday, 8 May 2021

'माँ'

     माँ.....

ममता का अथाह सागर है तूँ
संवेदना भावना की मूरत है तूँ
वर्षा की ठंढ़ी बयार सी .....
सन्तप्त तनमन पर शीतलता की फुहार है।।

माँ शब्द गरिमामय प्रेममय होता है
जिसने माता कहकर पुकारा....
न्योछावर उसी पर हो जाता है 
तभी तुझे ईश्वर का रूप कहा जाता है।।

हे !जन्म दात्री हे!संस्कार दात्री ....
तेरा स्पर्श,मीठी बोली मन को साहस देता
आज भी जीने की ऊर्जा तुझसे मिलती है।
नही है तूँ ...फिर भी आसपास लगती है।।

तेरा प्यार त्याग समर्पण और दुलार
शब्दोँ में बांध नही पाता मन लाचार
अश्रुपूरित नयन शत शत नमन करतें हैं
तेरे अनमोल आशीष सदैव रक्षा करते हैं।।

          उर्मिला सिंह



21 comments:

  1. वाह!उर्मिला जी ,बहुत खूब👍

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    1. शुभा जी हार्दिक धन्यवाद।

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    1. शुक्रिया आलोक सिन्हा जी।

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  3. बहुत खूबसूरत रचना

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  4. हे,,!!जन्म दात्री हे!संस्कार दात्री ....
    तेरा स्पर्श,मीठी बोली मन को साहस देता
    आज भी जीने की ऊर्जा तुझसे मिलती है।
    नही है तूँ ...फिर भी आसपास लगती है।।

    दिवंगत मां के लिए भावों से भरा सृजन उर्मि दीदी। हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏🌷🌷❤️❤️

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    1. अन्तर्मन से धन्यवाद प्रिय रेणू बहन।

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  5. अच्छी और गहरी रचना...।

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    1. हार्दिक धन्यवाद सन्दीप कुमार शर्मा जी।

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  6. बहुत सुंदर हृदय स्पर्शी सृजन दी ।
    सच आज तो आँख सूखती ही नहीं, संवेदनाओं का अथाह सागर कवियों ने उड़ेल दिया।
    नमन

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    1. स्नेहिल धन्यवाद प्रिय कुसुम ।

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  7. बहुत सुंंदर रचना उर्म‍िला जी, वाह क्या खूब ल‍िखा है क‍ि - हे !जन्म दात्री हे!संस्कार दात्री ....
    तेरा स्पर्श,मीठी बोली मन को साहस देता
    आज भी जीने की ऊर्जा तुझसे मिलती है।
    नही है तूँ ...फिर भी आसपास लगती है।।...वाह

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    1. रचना की प्रशंसा के लिए तहेदिल से शुक्रिया अलकनंदा जी।

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  8. हृदय स्पर्शी अभिव्यक्ति ।

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    1. तहे दिल से शुक्रिया आपका अमृता तन्मय जी।

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  9. आपका बहुत बहुत आभार आपका हमारी रचना को मंच पर चर्चा के लिए चुना।

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  10. बेहद हृदयस्पर्शी सृजन दी

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    1. स्नेहिल धन्यवाद अनुराधा चौहान जी।

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  11. आभार आपका प्रकाश साह जी।

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  12. बहुत सुंदर सृजन,माँ को शब्दों में समेटना मुमकिन नहीं,सादर नमन

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